रॉबर्ट सैपोल्स्की के अनुसार Behave: The Biology of Humans at Our Best and Worst में:
यह सोचना कि सब कुछ समझ लेने से अनिवार्य रूप से क्षमा मिलनी चाहिए, एक गलती है.
यह तथ्य कि हम न्यूरोबायोलॉजी के माध्यम से हत्या के एक भयावह कृत्य की व्याख्या कर सकते हैं, आवश्यक रूप से सज़ा में नरमी का कारण नहीं होना चाहिए. एक युवा पुरुष आवेगों के प्रभाव में आकर एक भयानक कृत्य करता है, और न्यूरोइमेजिंग उसके प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स (PFC) के न्यूरॉनों में कमी दिखाती है. इससे एक द्वैतवादी प्रलोभन पैदा होता है कि उसके व्यवहार को किसी अस्पष्ट अर्थ में उस स्थिति की तुलना में अधिक ‘जैविक’ या ‘ऑर्गैनिक’ माना जाए, मानो उसने वही कृत्य सामान्य PFC के साथ किया होता.
फिर भी, इस युवा पुरुष का भयावह, आवेगजन्य कृत्य निस्संदेह ‘जैविक’ है—PFC हो या न हो.